आदिवासी
में जब आदिवासी लोगो बिच रहने के लिए गया था।मेरी नौकरी होने के कारण मूझे उन लोगों के साथ रहने का अनुमान भी नहीं था।
लेकीन समय के साथ रहने की जरूरत है और नोकरी तो करना ही पड़ेगी ।इसलिए में अपना सारा सामान लेकर उनके इलाके में गया। में जब नागपुर रहने के लिए जा रहा था,यह बात तब मेरे साथ एक हादसा हुआ को आप सभी के साथ बताना चाहता हूं।आप सभी को यह बहुत आंनद आएगा ऐसी आशा करता हूं।में एक जंगली जगह , उन लोगों के साथ रहने के लिए गया था। ओ कबीले में करीब२५० लोगो का कबीला था। उस कबीले में सेक्स के लिए कोई भी किसीको मना नहीं करता था।में सरकारी नौकरी पर पटवारी था। सातपुडा पर्वतीय इलाके में मेरा तबादला हुआ।तब मेरी शादी नहीं हुई थी,में अकेला उस जगह पर गया था।मेरी उस कबीले के सरदार से दोस्ती हो गई सरदार का नाम दिलावर था।सरदार का शरीर काफी हट्टा कट्टा था।जब में दिलावर ने मुझे अपने घर ले गया।अपने घर के सभी सद्यस को बुलाया मुझसे मिलने के लिए।
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